साक्षर हाल बताती हूँ , निषिद्ध जगहों पर जाती हूँ। तिनका तिनका चुनती हूँ , मन का भगवान सजाती हूँ। मन के हारे हार रही थी, मन के जीते जीत गई। इ...
मुझे यह लिखने के लिए क्षमा किया जाए पर स्वतंत्र भारत के बाध्य और बोझिल हृदय में बैठकर मुझे अपना मौन खटक रहा है। क्यों खटक रहा है? इतने बुद्...
सोचा है कुछ आज लिखूँ, उड़ता उड़ता बाज लिखूँ। ख़ुद को मैं मोहताज़ लिखूँ, सबके दिल का राज लिखूँ। गिरेबान की लाज लिखूँ, गिरी ये कैसी गाज लिखूँ। मैं...